'छावा' – मराठा वीरता की अद्भुत गाथा
फिल्म: छावा
निर्देशक: लक्ष्मण उतेकर
निर्माता: दिनेश विजान
कलाकार: विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना
संगीत: ए. आर. रहमान
शैली: ऐतिहासिक, एक्शन-ड्रामा
रिलीज़ डेट: 14 फरवरी 2025
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
कहानी
'छावा' छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर पुत्र, छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित एक ऐतिहासिक फिल्म है। यह फिल्म उनकी संघर्षमयी यात्रा, युद्धनीति और औरंगज़ेब के खिलाफ उनकी वीरता को पर्दे पर उतारती है। कहानी शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद शुरू होती है, जब संभाजी को कई षड्यंत्रों और विश्वासघात का सामना करना पड़ता है। मुगलों से लोहा लेते हुए, वे अपने पिता की विरासत को कैसे बचाते हैं, यही फिल्म की मुख्य थीम है।
अभिनय और किरदार
विक्की कौशल (संभाजी महाराज) – विक्की ने इस किरदार में जान डाल दी है। उनका दमदार डायलॉग डिलीवरी और युद्ध के दृश्यों में शानदार अभिनय दर्शकों को प्रभावित करता है।
रश्मिका मंदाना (येसुबाई) – एक सशक्त महिला किरदार के रूप में उन्होंने अच्छा काम किया है, लेकिन स्क्रीन टाइम थोड़ा कम है।
अक्षय खन्ना (औरंगज़ेब) – उनकी एक्टिंग काफी प्रभावशाली है और उन्होंने मुगल सम्राट के क्रूरता और रणनीति को बखूबी दर्शाया है।
निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी
लक्ष्मण उतेकर का निर्देशन सराहनीय है। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कहानी को भावनात्मक रूप से भी मजबूत रखा है। सिनेमैटोग्राफी में मराठा काल के भव्य किले, युद्ध के दृश्य और महाराष्ट्र की खूबसूरत लोकेशन्स को बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
ए. आर. रहमान का संगीत फिल्म की आत्मा को जीवंत करता है। "आया रे तूफ़ान" और "मराठा गाथा" जैसे गाने युद्ध और वीरता को और भी रोमांचक बना देते हैं।
क्या अच्छा है?
✔️ विक्की कौशल का दमदार अभिनय
✔️ शानदार एक्शन और युद्ध दृश्य
✔️ ए. आर. रहमान का प्रभावशाली संगीत
✔️ मजबूत पटकथा और ऐतिहासिक सटीकता
क्या कमज़ोर है?
❌ सेकेंड हाफ़ थोड़ा लंबा लगता है
❌ रश्मिका मंदाना के किरदार को और मजबूत किया जा सकता था
निष्कर्ष
'छावा' एक भव्य और प्रेरणादायक ऐतिहासिक फिल्म है, जो छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और बलिदान को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करती है। यदि आप इतिहास, एक्शन और देशभक्ति से भरपूर फिल्में पसंद करते हैं, तो यह फिल्म ज़रूर देखें।
अंतिम निर्णय: 'छावा' सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है, जिसे हर भारतीय को देखना चाहिए!
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
"छावा" एक बार फिर गिरा, मिली ₹100 करोड़ की धमकी!
नई दिल्ली: ऐतिहासिक उपन्यास "छावा" को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर यह किताब विवादों में घिर गई है और इस बार ₹100 करोड़ की धमकी तक मिल चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
प्रसिद्ध लेखक शिवाजी सावंत द्वारा लिखित यह उपन्यास मराठा योद्धा संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। हालांकि, हाल ही में कुछ समूहों ने इस पुस्तक की सामग्री पर आपत्ति जताई है, जिससे यह फिर से चर्चा में आ गई है।
सूत्रों के मुताबिक, विरोध कर रहे कुछ लोगों ने दावा किया है कि उपन्यास में कुछ घटनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। इसी बीच, धमकी देने वाले लोगों ने ₹100 करोड़ के मुआवजे की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे इसके खिलाफ बड़ा कदम उठा सकते हैं।
पहले भी विवादों में रहा है ‘छावा’
यह पहली बार नहीं है जब यह उपन्यास विवादों में आया हो। इससे पहले भी कुछ समुदायों ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन इतिहास और साहित्य के जानकारों का कहना है कि यह उपन्यास गहरी शोध के आधार पर लिखा गया है और इसमें संभाजी महाराज के जीवन को सम्मानपूर्वक दर्शाया गया है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
इस पूरे विवाद को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। कानून विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसी को आपत्ति है, तो उन्हें कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए, न कि धमकियों का सहारा लेना चाहिए।
पाठकों की प्रतिक्रिया
इस विवाद के चलते "छावा" की बिक्री में तेजी आई है और कई पाठक इसे खुद पढ़कर सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इस पर अपनी राय दे रहे हैं, जहां कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
निष्कर्ष
"छावा" सिर्फ एक उपन्यास नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक दास्तान है, जो संभाजी महाराज के बलिदान और वीरता को दर्शाती है। लेकिन यह विवाद एक बार फिर इस सवाल को खड़ा कर रहा है – क्या साहित्य को इतिहास से अलग किया जा सकता है, या फिर ऐतिहासिक पात्रों पर लिखना हमेशा विवादों को जन्म देता रहेगा?
इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट में बताएं!
A best historical film after seeing this we have proud to feel sanatani ..jai shivaray
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